अंबेडकरनगर। परिवहन निगम और रेलवे की लचर व्यवस्था के चलते यात्रियों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को अकबरपुर बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को गंतव्य की ओर रवाना होने के लिए साधन नहीं मिलने पर परेशानी से जूझते देखा गया। वहीं चंद बसों के आने पर इसमें चढ़ने को लेकर धक्का-मुक्की भी हुई। ऐसे में युवा तो पहले चढ़ गए, लेकिन महिला, बच्चे और बुजुर्ग बाहर खड़े होकर देखते रही रह गए। हालांकि यह नजारा कोई एक दिन का नहीं है, पिछले कुछ दिनों से यह मुसीबत और बढ़ी है। वजह ट्रेनों के 24 घंटे तक विलंबित होने पर विवश यात्री सड़क मार्ग से सफर करने को विवश हुए हैं। वहीं परिवहन निगम की ओर से माकूल यातायात सुविधा दिए जाने में नाकाम होने पर टैक्सी वाहनों और डग्गामार वाहन चांदी काटने में जुटे हैं। उधर डग्गामार वाहनों के संचालित होने से आमदनी को नुकसान होने का रोना रोने वाले परिवहन निगम के अधिकारी यात्रियों की सुविधा तथा अपने संसाधनों में इजाफा करने को अभी तैयार नहीं है। इन हालात में सुबह और शाम को जिले से लखनऊ तक के लिए तथा जनपद के भीतर विभिन्न मुख्य मार्गों पर डग्गामार वाहनों की दौड़ फिर से तेज हो गई है। लाल और न पीली बत्ती,होमगार्ड के हवाले यातायात अकबरपुर जंक्शन से होकर गुजने वाली दर्जनभर से अधिक ट्रेनें घंटों विलंबित रहीं। इसमें कोटा-पटना एक्सप्रेस 11 घंटे विलंबित रही। इसके अलावा लखनऊ-वाराणसी पैसेंजर पांच घंटे, दून एक्सप्रेस नौ घंटे, किसान एक्सप्रेस सात घंटे, साबरमती एक्सप्रेस 12 घंटे, सियालदह एक्सप्रेस 13 घंटे विलंबित रही। इसके अलावा भी उत्सर्ग एक्सप्रेस, कैफियत एक्सप्रेस, कोटा एक्सप्रेस, द्वारका एक्सप्रेस तीन से चार घंटे विलंबित रही। जबकि मुगलसराय से फैजाबाद पैसेंजर को निरस्त कर दिया गया। ट्रेनों के विलंबित होने से स्टेशन परिसर में यात्रियों की खासी भीड़ लगी रही और ट्रेन के इंतजार में यात्री बेहाल नजर आए। बैठने के स्थान से लेकर पेयजल और शौचालय की परेशानी से महिला यात्रियों को बड़ी परेशानी हुई।
बेपटरी यातायात, डग्गामार वाहनों की चांदी